आप सभी को वर्ल्ड फॉरेस्ट डे विश्व वानिकी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं आप सभी जानते ही हैं 21 मार्च को जंगल के महत्व के विषय में जन जागरूकता फैलाने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विश्व वानीकी दिवस मनाया जाता है
किसी भी जंगल के तीन महत्वपूर्ण तत्व सुरक्षा उत्पादन और वनविहार इसके बारे में लोगों को जानकारी देना और इसी के लिए यह विश्व वानिकी दिवस हर साल 21 मार्च को मनाया जाता है विशेषज्ञों की राय अगर हम जाने तो जंगल वस्तुतः एक ऐसा जीवित समुदाय होता है इसमें विभिन्न प्रकार के जीव जंतु पेड़ पौधे कीट पतंगे एक दूसरे पर निर्भर होकर अपना जीवन बिताते हैं यह bio-diversity का एक अभिन्न अंग है जिसमें एक दूसरे के अस्तित्व और सामंजस्य जंगलों की व्यवस्था को बिना मानव के व्यवधान के यथावत बनाए रखना इसकी महती आवश्यकता है
पर्यावरण विदों की हमेशा यह शिकायत है कि कुछ पिछले दशकों से जिस तरह से मनुष्य ने अपनी लालच की पूर्ति के लिए जंगलों का वध करना शुरू किया है जलवायु परिवर्तन हो रहा है ग्लोबल वार्मिंग जैसी विकट समस्या शुरू हुई है अगर हमने इन सभी समस्याओं पर ध्यान नहीं दिया तो समझो प्रकृति व मानव जीवन भी खतरे में पड़ जाएगा वैसे ही हम पढ़ते आए हैं कि व्यक्ति को जिंदा रहने के लिए ऑक्सीजन की जरूरत होती है जो हमें पेड़ों से मिलती है लेकिन आपने कभी गौर किया है 16 बड़े बड़े पेड़ों से जो ऑक्सीजन मिलती है वह एक आदमी को जिंदा रहने के लिए जरूरी होती है अब आप देखिए कि जिस तरह से पेड़ों की अंधाधुंध कटाई हो रही है उनकी संख्या दिन-ब-दिन कमी होती जा रही है वर्तमान समय में वायुमंडल में कार्बन डाई ऑक्साइड कार्बन मोनोऑक्साइड सीएफसी जैसी जहरीली गैस को सोखना और धरती पर रह रहे असंख्य जीव धारियों को प्राणवायु ऑक्सीजन देने वाला काम जंगल आज खुद अपने अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रहा है पृथ्वी को इस घोर संकट से बचाने के लिए विश्व की जनसंख्या अगर एक एक पेड़ लगाए तो पृथ्वी को फिर से हरा-भरा बनाया जा सकता है अपने लाभ के लिए पेड़ काट दिए लेकिन कुदरत द्वारा दिए गए जीवन के लिए जरूरी ऑक्सीजन दे रहे हैं जलवायु परिवर्तन जैसी तमाम समस्याओं से बचना है तो हमे पेड़ लगाने चाहिए
दुनिया की आधी से ज्यादा जमीन पर जंगल पाया जाता है लेकिन बड़ी तेजी से जिस प्रकार का जीवन खतरे में पड़ रहा है मानव निर्मित विभिन्न गतिविधियों से जंगल तेजी से घट जा रहे है उसे देखकर लगता है कि आने वाले कुछ वर्षों में जंगल सिर्फ म्यूजियम में देखने की वस्तु बनकर रह जाएगी अतः हमें जंगलों को बचाना है ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाने की आवश्यकता है
मैं एक वन्यजीव प्रेमी पक्षी प्रेमी प्रेमी होने के नाते जंगलों के महत्व को पेड़ के महत्व को अच्छी तरह समझ सकता हूं मुझे एक बाकया याद है मैं dhundheshvar जोकि गंगापुर शहर का प्रसिद्ध पर्यटक स्थल है वहां के पहाड़ों वहा के जंगलों में काफी बर्डवाचिंग करता था पर एक पेड़ था जो पत्तियां सूख चुकी थी और पेड़ काफी बूढ़ा हो चुका था लेकिन पेड़ भी काफी बड़ा था और उसकी टहनियां शाखाएं बहुत दूर-दूर तक काफी एरिया में फैली हुई थी वहां पर न जाने कितने प्रवासी पक्षी माइग्रेटरी बर्ड्स विंटर विजीटर्स को मैंने आईडेंटिफाई किया उनके खूबसूरत फोटोग्राफ्स लिए और यह कार्य में तीन-चार साल रेगुलर कर रहा था तो वह पेड़ और उस पेड़ पर बैठने वाले सारे पक्षियों से इस तरह से एक लगाव एक परिवार जैसा लगा मेरा हो गया था 3 साल बाद एक बार ऐसे ही मैं dhundheshvar गया वहां देखा तो पेड़ कटा हुआ पड़ा था और वह देखकर उस दिन मुझे इतना दुख हुआ कि पेड़ सुखा हुआ था तो हो सकता है कि फॉरेस्ट डिपार्टमेंट का भी परमिशन हो कि पेड़ों को काटा जा सकता है लेकिन उस पेड़ का कटना मुझे लगा कि कितने पक्षियों को जो आशियाना देने वाला वह घर उनका उजड़ गया है ऐसा लग रहा जैसे मेरा खुद का घर हो तो वह जो एक दुख मुझे महसूस हुआ तब मुझे लगा कि नजदीक जाने से ही प्रकृति में रहकर ही हम प्रकृति से लगाव बना सकते
तो आइए आज इस विश्व वानिकी दिवस पर हम प्रण करें एवं आसपास के वातावरण में जंगलों को संरक्षित करें ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाएं जंगलों को हरा भरा रहने पर मदद करें और यह और वन्यजीवों प्रकृति के साथ-साथ हमारे खुद के अस्तित्व को भी बराबर बनाए रखें
फोटोग्राफर- डॉ मुकेश गर्ग बर्ड एंड वाइल्डलाइफ फोटोग्राफर
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