“टूटे जुत्ते”
कुण्डली 6चरण
टूटे जुत्ते बाप के,मां साड़ी फट जाय,
देखी अन देखी करै,मानव नहिं कहलाय,
मानव नहिं कहलाय,तुझे किस विधि से पाला,
खुद गीले में सोय, तुझे सूखे में डाला,
“प्रेमी”अब भी समझ,नहीं नोचेंगे कुत्ते,
मां की साड़ी फटी,बाप के टूटे जुत्ते।
रचियता -महादेव प्रेमी