“रक्षा बंधन”
कुण्डली 6चरण
रक्षा बंधन पर्व है,भाई वहिन प्यार,
रक्षा धागे के बदले,मांगा रक्षा भार।
मांगा रक्षा भार ,सुरक्षा नाव चलाना,
दु:ख की भंवर आये,छोड़ पतवार न जाना,
“प्रेमी”भैया बहिन,प्यार मेरा अभिनंदन,
प्रेम सूत्र में बंधा,पाक ये रक्षा वंधन।
रचियता -महादेव प्रेमी