गर लौट सका तो जरूर लौटूंगा, तेरा शहर बसाने को।पर आज मत रोको मुझको, बस मुझे अब जाने दो।।मैं खुद जलता था तेरे कारखाने की……
राष्ट्र निर्माण में कहीं न कहीं हमें युवा पीढ़ी को सन्मार्ग की ओर लगाने के लिए आत्म अवलोकन करना जरूरी है ,और आत्म अवलोकन कर…
जिस तरह कोरोना महामारी एक विकराल रूप लेकर पूरे विश्ब को चुनोती दे रही है ,उस से पूरा मानव समाज में जो मनोवैज्ञानिक असर पड़ेगा…
जिस तरह से कोरोना खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है उस से तो शायद येही लगता है हमे अब इस कोरोना रुपी राक्षस…
World Telecom Day is celebrated on 17 th May all around the world. The significance of this day is special for India because connecting such…
मेरी कविता “मिटा कभी कोई” व्यक्ति के सहस और विवेक की बात करती है की कैसे एक व्यक्ति सहस और विवेक से साधन हीन होते…
आइये जानते हैं दाल बाटी चूरमा का अविष्कार क्यों, कहाँ, कब और कैसे हुआ :– आप अगर राजस्थान के निवासी है तो स्वाभाविक है इस……
In the Corona era, when the whole of humanity is going through a crisis, the importance of the family is becoming clear. In this period,…
गाँवो में दिखता शीर्षक कविता गाँव के परिद्रश्य को दर्शाती ,आज भी गाँवो को शहरो से श्रेष्ठ होने का आभास कराती है. Share this:Click to…
सुप्र्शिद्ध कवी महादेव प्रेमी द्वारा संकलित एवं रचित प्रथम पुस्तक बुझोबल को समर्पित यह रचना Share this:Click to share on Twitter (Opens in new window)Click…