Login    |    Register
Menu Close
Minimalistic abstract line-art book cover illustrating a smiling figure, folk life motifs, music notes, and a meditating sage, symbolizing Kundaliya poetry’s rhythm, humor, philosophy, and folk essence.

कुण्डलियों की विरासत : महादेव प्रसाद ‘प्रेमी’ का संग्रह

यह संग्रह महादेव प्रसाद ‘प्रेमी’ की कुण्डलियों का संकलन है, जिसे डॉ. मुकेश असीमित ने संपादित व प्रस्तुत किया है। इसमें प्रत्येक कुण्डली के साथ…

Spread the love
“कार्टून छवि में बुफ़े प्लेट के कोने में सहमा हुआ छोटा कटोरा रायता, हाथ जोड़कर दया की प्रार्थना करता हुआ, चारों ओर व्यंजन शान से सजे और लोग उदासीनता से गुजरते।”

रायता पुराण : रायता फ़ैल गया

“रायतपुराण” भोजन-संस्कृति का हास्य-व्यंग्यात्मक आख्यान है। सागर-मंथन से जन्मा यह दधि-व्यंजन कभी पंगत का गौरव था, तो आज बुफ़े की प्लेट के कोने में सहमा…

Spread the love
"व्यंग्यात्मक कार्टून – पिता हाथ में मोटी डिक्शनरी लिए उलझन में, बेटा मोबाइल पर तेज़ी से टाइप करता हुआ। चारों ओर ‘LOL’, ‘ROFL’, ‘BRB’, ‘IDK’ और इमोजी तैरते हुए, पिता के दिमाग़ में बिरयानी का ख्याल, जबकि बेटा डिजिटल हंसी में डूबा।"

क्या पापा – लोल – “लोल हो गया संवाद”

डिजिटल युग की हंसी अब मुँह से नहीं, मोबाइल से निकलती है। पिता ‘LOL’ सुनकर असली हंसी देखना चाहते हैं, जबकि बेटा ‘BRB’, ‘ROFL’, ‘IDK’…

Spread the love
Minimalist abstract art showing a dissolving crown, a monk’s saffron staff, and a rising lotus encircled by Sanskrit words—Shringar, Neeti, Vairagya—representing Raja Bharthari’s life journey.

राजा भर्तृहरि : श्रृंगार से वैराग्य तक की जीवनयात्रा

कभी मुकुट और महल के स्वामी रहे भर्तृहरि, अंततः साधु की लाठी और तप की गहनता में लीन हो गए। उनकी कथा सिखाती है—श्रृंगार मोहक…

Spread the love
“Minimalist abstract line drawing of Radha and Krishna under a tree, with flute, Yamuna waves, and spiritual aura symbolizing eternal divine love.”

राधाष्टमी : राधा-कृष्ण प्रेम की अनंत व्याख्या

राधाष्टमी केवल जन्मोत्सव नहीं, बल्कि प्रेम और समर्पण की परम व्याख्या है। राधा-कृष्ण का मिलन आत्मा और परमात्मा का प्रतीक है। उनके प्रेम में अधिकार…

Spread the love
A humorous caricature of India’s evolving walls—scribbled childhood chalk drawings, political posters, advertisements, pan stains, and finally transforming into a giant Facebook wall full of posts and memes, symbolizing how expression migrated from real walls to digital ones.

दीवारों का कैनवास और-दीवारें फिर बोल उठी -हास्य व्यंग्य रचना

“दीवारों का कैनवास और-दीवारें फिर बोल उठी  बचपन में ले चलता हूँ… क्या करूँ, सारी मीठी यादें तो बचपन के पिटारे में ही रह गईं।……

Spread the love