डॉ मुकेश 'असीमित'
Sep 30, 2025
Culture
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समुद्र-मंथन की कथा हमें बताती है कि जीवन की साधना सबसे पहले विष का सामना है—आलोचना, उपहास और असुविधा का। लेकिन यही विष जब धारण कर लिया जाए तो भीतर से रत्न प्रकट होते हैं—प्रतिभा, विवेक, गरिमा, समृद्धि और अंततः अमृत। यह कथा हमें याद दिलाती है कि हर संघर्ष एक नया जागरण है और भीतर की देवी ही हमारी असली शक्ति है।
Prahalad Shrimali
Sep 29, 2025
व्यंग रचनाएं
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दशहरे की शाम थाने में बैठे नशे में धुत्त दारोगा ने चौकीदार से पूछा — "गांव में क्या चल रहा है?" चौकीदार बोला — "हुजूर, रावण जल रहा है!" दारोगा उखड़ पड़ा — "आत्महत्या रोकनी चाहिए! जात बताओ रावण की!" चौकीदार ने तंज कसा — "हुजूर, रावण तो हर जात में है, नेता से लेकर पुलिस तक!" आईने में झाँकते ही दारोगा को खुद ही रावण नजर आया।
डॉ मुकेश 'असीमित'
Sep 29, 2025
व्यंग रचनाएं
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नवरात्रों का ‘कन्या पूजन’ अब लॉजिस्टिक ऑडिट बन चुका है। मोहल्ले की आंटियां कन्या खोज में परेशान, तो युवाओं ने लॉन्च किया kanjakkart.com — जहाँ स्लॉट बुकिंग, पैर धोने की सहमति और दक्षिणा का ऑनलाइन भुगतान सब कुछ तय है। कांताबेन जी कहती हैं, “अब बिना बुकिंग देवी भी वॉक-इन नहीं होतीं।” कन्याओं की यूनियन तक बन गई है — न्यूनतम दक्षिणा ₹100 और गिफ्ट में डेरी मिल्क का बड़ा पैक!
डॉ मुकेश 'असीमित'
Sep 29, 2025
Darshan Shastra Philosophy
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विवेकानंद का संदेश युवाओं को भीतर की अनंत शक्ति पहचानने, निडर होकर लक्ष्य चुनने और सेवा को पूजा मानने का आह्वान है। व्यावहारिक वेदांत बताता है—अपने कर्म को समर्पण बनाओ, हर व्यक्ति में दिव्यता देखो, और अनुशासन से मन को साधो। चार योग—कर्म, भक्ति, ज्ञान, राज—अलग रास्ते होते हुए भी एक मंज़िल तक ले जाते हैं। उठो, जागो, और तब तक मत रुको जब तक चरित्र, करुणा और कर्म एक जीवन बन न जाएँ।
डॉ मुकेश 'असीमित'
Sep 29, 2025
Humour
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Today khed (regret) is everywhere—railways, politics, social media, even obituaries mistaken for wedding photos! Leaders cultivate votes with garlands and khed, newspapers sell ads with khed, and doctors, police, and babus hide behind khed while work rots in files. VIPs get instant condolences, while the aam aadmi gets seasonal sympathy during elections. Truly, in India, if nothing else works, at least khed will always be available on demand.
डॉ मुकेश 'असीमित'
Sep 28, 2025
Important days
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बेटी दिवस पर यह व्यंग्य पूछता है—क्या बेटी के लिए कोई अलग डे बनाना ज़रूरी है? वो तो पिता के जीवन की सदा बहार वसंत है। उसके आंसू पिघला दें, उसकी हंसी दिल जीत ले। समाज उसे देवी कहता है, पर फैसले छीन लेता है। असली उत्सव तब होगा जब बेटियों को दिन नहीं, बल्कि पूरी दुनिया मिले।
डॉ मुकेश 'असीमित'
Sep 28, 2025
Humour
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In today’s world, simply being human isn’t enough—you must be somebody’s man. From jobs and promotions to ration and awards, everything belongs to those stamped as “our man.” Without a “man” tag, you’re just a number in the aam aadmi crowd. Whether rubbing noses, bowing flat, or squeezing into ribbon-cutting photos, the rules are clear: survival requires patronage. After all, licenses, favors, even tea—flow only to somebody’s man!
Ram Kumar Joshi
Sep 28, 2025
हिंदी कविता
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कवि सम्मेलन की भव्य सजावट, मंच पर कवि और हजारों दर्शक—लेकिन कविता की जगह मसखरी और चुटकुले। थैलियों में नोट और कवियों का ठाठ, राष्ट्रकवियों की आड़ में हास्यास्पद हरकतें। यह व्यंग्य बताता है कि आज कवि सम्मेलनों का मकसद मनोरंजन और कमाई रह गया है, साहित्यिक संदेश नहीं।
डॉ मुकेश 'असीमित'
Sep 27, 2025
Darshan Shastra Philosophy
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यजुर्वेद कर्म और यज्ञ का वेद है। यह हमें बताता है कि जीवन का हर कार्य एक यज्ञ है—घर चलाना, समाज सेवा करना या प्रकृति का सम्मान करना। इसमें अनुष्ठानों के नियम ही नहीं, बल्कि जीवन जीने का संतुलित दृष्टिकोण भी है। यजुर्वेद यह सिखाता है कि जब कर्म श्रद्धा और नियम के साथ किए जाएं, तो वे साधारण कर्म न रहकर ब्रह्मांडीय संतुलन का हिस्सा बन जाते हैं।
डॉ मुकेश 'असीमित'
Sep 27, 2025
Darshan Shastra Philosophy
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अथर्ववेद जीवन का सबसे व्यावहारिक वेद है—जहाँ स्वास्थ्य के लिए औषधियों और मंत्रों का संगम मिलता है, रिश्तों को संवारने के सूत्र हैं, भय और नकारात्मकता से रक्षा के कवच हैं, और राष्ट्र निर्माण से लेकर ब्रह्मज्ञान तक की शिक्षाएँ हैं। यह बताता है कि असली आध्यात्मिकता भागने में नहीं, बल्कि जीवन के बीच संतुलन साधने में है। अथर्ववेद हर इंसान का साथी है—जन्म से मृत्यु तक।