Oyo वाले अस्पताल??
डा राजशेखर यादव द्वारा लिखित लेख वर्तमान में छोटे हॉस्पिटल और क्लीनिक जो की सरकार की भामाशाह या आयुष्मान सरीखी योजनाओं से जुड़े हुए है ,उनकी हालत को ओयो होटल की हालत से तुलना करता एक दिलचस्प लेख आप सभी को व्यंग्य की गुदगुदाती दुनिया से वाकिफ कराएगा.
पिछले दिनों एक पुराने जानकर मिले।उनका 25-30 रूम्स का ठीक ठाक सा होटल है।हाल चाल पूछा तो उनका दर्द छलक पड़ा।लगे oyo वालों को गाली देने । “इनकी वजह से हमारा सारा का सारा धंधा चौपट हो गया है।पहले हमारे यंहा 2500 में rooms आराम से उठ जाते थे।500 रुपये कट- कमीशन दे कर 2000 बच ही जाते थे।ये मुए Oyo वाले तो 500 रुपये में भी रूम दे देते हैं।जब 500 में रूम मिल रहा हो तो हमारा 2500 में कौन लेगा।आप ही बताओ।”
उनका दर्द वाजिब था।
वापस आते समय Healthcare में Oyo सिंड्रोम की एंट्री कभी नही होगी ये सोच कर दिल को समझा ही रहा था कि तभी ध्यान आया Healthcare में तो पहले ही Oyo आ चुका है।
भामाशाह योजना,आयुष्मान योजना ये Healthcare के Oyo नही तो और क्या है? ये भी तो हमसे 4-5 गुना कम रेट्स में काम करवा रहे है और हम खुशी – खुशी कर भी रहे हैं।
जिस शहर में भामाशाह ,आयुष्मान योजना वाले अस्पताल हों उन शहरों में बिना इन योजनाओं वाले अस्पतालों का चल पाना मुश्किल ही नही नामुमकिन है।
बल्कि हमारी हालत तो होटल इंडस्ट्री से भी खराब है।Oyo होटल में आने वाला गेस्ट वहाँ फाइव स्टार वाली सुविधाओं की उम्मीद नही रखता।उसको पता होता है उसे 500 रुपये वाले होटल में क्या क्या सुविधाएं मिलेंगी।वो तेज़ स्पीड वाला इंटरनेट और गर्मागर्म पानी नही मांगता।
हमारे यंहा क्या होता है?भामाशाह,आयुष्मान वाले मरीजों को भी वर्ल्ड क्लास ट्रीटमेंट और सुविधाएं चाहिए।सुविधाओं में कोई कमी हो तो अस्पताल की शिकायत के लिए 24 घंटे हेल्पलाइन नंबर है और अस्पताल वालों को गाली बकने के लिए हट्टे कट्टे बदतमीज़ रिश्तेदार। सरकार को इन योजनाओं के लिए ऐसे वैसे नही बल्कि nabh एक्रेडिटेड अस्पताल चाहिए। Insurance कंपनी पैसा ऐसे release करती है जैसे रेड सिग्नल पर भिखारियों को भीख दी जाती है(बाबा छुट्टे नही हैं, बस ये नही बोलते क्लेम रिजेक्शन के वक़्त)।
कोई अनहोनी हो जाये तो न तो जज साहब इस बात पर रहम करते हैं कि मरीज़ भामाशाह या आयुष्मान का था और न मरीज़ के रिश्तेदार तोड़ फोड़ करते समय कोई नरमी बरतते हैं ये सोचकर कि मरीज़ भामाशाह का था।
आजकल जब भी कभी अस्पतालों में भामाशाह और आयुष्मान के बड़े बड़े सुंदर लोगो वाले बोर्ड देखता हूं तो अनायास ही Oyo का लोगो ध्यान आ जाता है।
-डॉ राज शेखर यादव
फिजिशियन एंड ब्लॉगर
Thoroughly enjoyed reading….Very well written