“कलयुग वुड्ढा”
कुण्डली 6चरण
कल युग वुड्ढा अधिकतर,रखता उम्र छिपाय,
असल उम्र हो साठ की चालिस रहा वताय,
चालिस रहा वताय ,बनै तिस मारख दिल में,
कौन माल कब पटै,खोज चूहे के विल में,
“प्रेमी”तज मर्याद,खोदें हैं खुद कु गड्ढा,
लाज शर्म नहिं बची,कि ये है कलयुग बुड्ढा।
रचियता-महादेव “प्रेमी”