“दिन जाड़े के आये”
कुण्डली6चरण
दिन जाड़े के आ गये,सुवहा उठा कुहार,
अंग रजाई ना हटे,वाहर लगे फुहार,
वाहर लगे फुहार,कि इच्छा हुई खाने की,
गाजर हलवा गजक ,पकौडे भी पाने की,
“प्रेमी”गुड के संग,बाजरा रोटी खाये,
घी मिल जाये साथ,दिना जाडे के आये।
रचियता -महादेव प्रेमी
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