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“डिग्रियां” हिंदी कविता

डिग्रियां हिंदी कविता

“डिग्रियां”
कुण्डली 6चरण

डिग्रियां तो सुरक्षित हैं,योग्यता भरपूर,
फीकी सी मुस्कान है,मुख का उडता नूर,

मुख का उड़ता नूर,युवा हर परेशान है,
आरक्षण बना शूल,शासन बेईमान है,

“प्रेमी”वेरुजगार,बद नसीव ये जिंदगियां,
नोकरी न दीखती, ढेरों पड़ी ये डिग्रियां।

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