जिस तरह कोरोना महामारी एक विकराल रूप लेकर पूरे विश्ब को चुनोती दे रही है ,उस से पूरा मानव समाज में जो मनोवैज्ञानिक असर पड़ेगा उसकी कल्पना मात्र से ही मन सिहर उठता है.
फिलहाल जब सोशल distancing ही इसका एक मात्र इलाज संभव मन जा रहा है ,तो ऐसे में हम कल्पना कर सकते है की इस सामाजिक बदलाब का मानव मन पर कितना बुरा असर पड़ेगा.
इंसान एक सामाजिक प्राणी है मानव सभ्यता के इतिहास में में शुरू से ही एकाकीपन को दूर करने के लिए परिबार की अवधारणा आई. समाज बने,संस्था बनी , पूरातन काल से मानव मन जो की हमेशा समाज में एक दुसरे के करीब रहने का प्रयास करता है. अब जबकि सामाजिक दूरी ही आपको coronavirus के खतरे से बचा सकती है ,जितना आप एक दुसरे से दूर रहेंगे उतना ही आपके स्तोवस्थ रहने की संभावना है , स्वाभाविक है इस अचानक आये बदलाब से मानव मन बुरी तरह आहत है.
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आस्ट्रेलिया की साउथ वेल्स यूनिवर्सिटी ने तो इस पर अनुसंधान करने का मन बना लिया है. विश्ब के ३००० लोगो पर रिसर्च होगी की अचनका विलुप हुए इस सामाजिक सुरक्षा के भाव से मानसिक स्वस्थ्य पर क्या असर पद रहा है
कोरोना वायरस के संक्रमण के आंकड़े और death के figure की खबर हर मिनट अपडेट हो रही है ऐसे में चिंता और अवसाद बढ़ रहा है .Anxiety और स्ट्रेस लगातार बढ़ रहा है इसे कोरोना स्ट्रेस का नाम दिया गया है. जब आप इसके शिकार होते है तो आपको कुछ भी अच्छा नहीं लगता हीन भावना के शिकार हुए लोग ,जो कुछ अच्छा आपके साथ है उसे भी एन्जॉय नहीं कर पा रहे.
चीन में हुई एक रिसर्च से पता लगा की जो लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हुए,उनके रिकवरी के बाद post traumatic stress disorder नाम की बीमारी पायी गयी. यह डिसऑर्डर तब होता है जब हमारा शरीर और मन किसी अचानक आघात से गुजरता है,ऐसी घटना जिसके लिए हम तैयार नहीं होते. दूसरा रिसर्च अमेरिका में हुआ जिस में यह दावा किया गया की हमे 2022 तक सोशल distancing का पालन करना होगा.
इन सब बातो को ख्याल रख कर आपको अपने भविष्य के कम से कम दो या तीन साल का एक road map तैयार करना है. आपको किसी भी स्थिति में डिप्रेस्ड नहीं होना है. भविष्य की ज्यादा चिंता नहीं करनी है. जो भी आपके पास है उस से खुश रहना सीखे.
आपको अपने शरीर को तंदरुस्त रखना होगा. रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास करना होगा. जिसकी इम्युनिटी पॉवर मजबूत होगी वो ही इस लड़ाई को जीत पायेगा.
आपको शरीर नहीं मन को भी तंदुरुस्त रखना होगा जिस से सोशल दिस्तेंसिंग का स्ट्रेस आपके मन के ऊपर हाबी न हो जाए.
येह दुनिया भी दो ग्रुप मेclassified हो जायेगी. एक वह ग्रुप जो की कोरोना संक्रमण से उबर चुके है. उसके शरीर में इस वायरस के अगेंस्ट एंटीबाडी develop हो गयी. दुसरे वो लोग जिनमे अभी संक्रमण का खतरा बना हुआ है .
एक मजेदार बात यहाँ है की भविष्य में हो सकता है आपकी वोर्किंग qualification में एक यहा compulsory qualification जुड़ जाए की आप coronavirus के इन्फेक्शन के लिए immunised हो चुके है या नहीं. ब्रिटेन में तो यह शुरू भी हो गया है.बहा कोरोना संक्रमण से उबर चुके मरीज जिनके बॉडी के अन्दर इस वायरस के विरुद्ध एंटीबाडी बन गयी है उन्हें इम्युनिटी सर्टिफिकेट दिया जा रहा है. ऐसे लोग बेझिहक किसी भी ऑफिस या कंपनी में काम कर सकेंगे. दुसरे वो लोग जिन्हें अभी यह इन्फेक्शन नहीं हुआ है वो लॉक डाउन में ही रहेंगे.
अब नौकरी में आपके स्किल सेट के अतिरिक्त आपके स्वस्थ्य का स्टेटस भी देखा जाएगा. समे स्किल सेट बाले दो व्यक्तियों में उस व्यक्ति को चुना जायेगा जिसका स्वास्थ्य स्टेट रेटिंग अधिक है.
विदेशो में भी नौकरी के अवसर उन्ही एप्लिकेंट को मिलेंगे जिनका स्वस्थ्य स्टार अच्छा है . यहाँ तक की पासपोर्ट वीसा स्वीक्रति के लिए भी स्वास्थ्य स्तर का अच्छा होना आवश्यक हो जाएगा.
इस मनोवैज्ञानिक असर में जो फायदा होगा वो सबसे ज्यादा हेल्थ एंड लाइफ Insurance बालो को होगा. रिपोर्ट के मुताबिक अलग अलग राज्यों में हेल्थ एंड लाइफ Insurance खरीदने बाली की संख्या में 25 से 30 प्रतिशत का इजाफा हुआ है. टीवी पर आने बाले विज्ञापनों को ही देख लो,आपको सबसे ज्यादा विज्ञापन इन्ही Insurance कंपनियों के मिलेंगे. कोरोना स्ट्रेस का फायदा जो सब से ज्यादा ले रही है वो ये बीमा कंपनिया ही है
दूसरा सबसे ज्यादा फायदा फार्म सीओ. को होगा. लोग स्वस्थ्य के प्रति जागरूक हो रहे है.अब थोड़ी सी सर्दी खांसी या फ्लू के लक्ष्ण में भी लोग डॉक्टर से परामर्श लेकर प्रेस्सिबेद दवैया ले रहे है.
Coronavirus के lockdown पीरियड में उन कंपनियों को भी फायदा हो रहा है जो ऑनलाइन सेवाए उपलब्ध कराती है. जैसे की ऑनलाइन विडियो कांफ्रेंसिंग सेवा,ऑनलाइन मार्किट प्लेस वाली सेवा,इ कॉमर्स ,ऑनलाइन एजुकेशन ,होम डिलीवरी सेवाए प्रदान करने बाली कंपनिया. यह निश्चित है की इस संकट के दौर में या बाद में कुछ नए बिज़नस module सामने आयेंगे जो लोगो की वर्तमान perspective की जरूरतों को देखते हुए विकसित होंगे.
ऐसी ही एक कंपनी फोटोकार्ट इस दिशा में काम कर रही है यह कंपनी शहर के दूकान दारो और सेवा प्रदाताओं को अपनी साईट पर लिस्ट कर रहा है और डायरेक्ट शहर के उपभोक्ताओं को उसी शहर के शॉप कीपर और सेवा प्रदाताओं से जोड़ रही है.
यहाँ जिक्र करना जरूरी होगा की लोगो की मानसिकता भी बदल रही है. अब लोग कुछ भय और कुछ सतर्कता के कारन भीडभाड बाले बाजारों में जाना पसंद नहीं कर रहे. शौपिंग माल तो वैसे भी बंद हो गए है. ऐसे में लोगो को जरूरत के सामन की घर बैठे ही आपूर्ति आवश्यक हो गयी है.
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इस वायरस के संक्रमण के पीछे हालाँकि अलग अलग थ्योरी सामने आ रही है. कई अनुसंधान कर्ता मानते है की यह वायरस चीन द्वारा जानबुझकर फैलाया गया है . जिस प्रकार से चीन में इस वायरस संक्रमण का कण्ट्रोल हुआ और अब चीन लगातार अपनी सम्रज्यबादी नीति और आर्थिक गतिविधियों को बढ़ाबा दे रहा है जबकि बाकी की दुनिया पूरी तरह लॉक डाउन में है ,उसे से सन्देश प्रतीत होता है.
जिस प्रकार से दवा कंपनियों को इस में मुनाफा हो रहा है उसे से एक theory ये भी सामने आ रही है की हो सकता है दवा कंपनियों के nexus ने जानबूझकर बीमारी फैलाई हो जिस से उनके मार्किट को फायदा मिले.
कुछ भी अनुमान लगाना मुश्किल है.बस ये बात क्लियर है की पूरा विश्ब वास्तब में एक संकट के दौर से गुजर रहा है और ,भविष्य के प्रति आसंकित लोग बहुत कुछ मानसिक बदलाब और प्रताड़ना के शिकार हो रहे है .