“बिटिया”
कुण्डली 6चरण
बिटिया रानी के रहे,दादा दादी जान,
दूध चाय काफी कभी,रखे उनका ध्यान,
रखे उनका ध्यान,बात मीठी बतियाती,
भाई के संग झगड,दुजे क्षण फिर मिल जाती,
“प्रेमी”आंगण फुदक,डाल पर डोले चिडिया,
ऐसे घर में धूम,मचाती रहती बिटिया।
रचियता -महादेव प्रेमी