कविता शीर्षक “बेटी “,भगवान का सर्वश्रेष्ट आशीर्वाद बेटी के लिए समर्पित.
“बेटी”
कुण्डली 8चरण
बेटी घर की लाडली बेटी घर का प्यार,
बेटी एक मुस्कान है,कोमल हृदय उदार,
कोमल हृदय उदार,आंगन की खुशवु बिटिया,
मात पिता का दर्द,सहज अपनाती बिटिया,
वह शाख है न फूल,जहां तितलियां नहीं हो,
वो घर भी है नहीं,ज़हां बच्चियां नहीं हो,
“प्रेमी” ये महमान राखो इन पर सु दृष्टी,
खुश नसीव वो होत,कि उन घर होती बेटी।
रचियता -महादेव प्रेमी
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